लेखनी कहानी -11-Nov-2021
वो दूर जा रही है
पूनम का चांद ईद का चांद होने जा रहा है
साथ बिताया पल अब याद होने को आ रहा है
तुमसे दूर जाने को ये मन नहीं मानता
बिछड़ जाने का डर बहुत सता रहा है
गर चले गए दूर हमसे तो कैसे तुम बिन रह पाएंगे
बढ़ जायेगी कभी ख़त्म न होने वाली दूरियां
कैसे नजदीकियां बढ़ा पायेंगे
पल पल का समय कल्प जैसा बीतेगा
सदियों से लंबा तब दिन लगने लगेगा
न जाओ छोड़ के तुम
तुम बिन कैसे जीया जाएगा
आ जाओ न पास तुम
बिन तुम रहा न जायेगा।
Seema Priyadarshini sahay
11-Nov-2021 05:40 PM
बहुत खूबसूरत
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surendra@4004
12-Nov-2021 10:49 AM
Thanks
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Swati chourasia
11-Nov-2021 03:55 PM
Very nice 👌
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surendra@4004
12-Nov-2021 10:50 AM
Thanks
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Gunjan Kamal
11-Nov-2021 01:39 PM
Very nice 👌👌
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surendra@4004
12-Nov-2021 10:50 AM
Thanks
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